
नमस्ते दोस्तों, हिंदी हाइजीन में आप सभी का स्वागत है, भारत में रहकर Masala Chai न पिए ऐसा हो ही नहीं सकता है ना | भारतियों के लिए Masala Chai एनर्जी booster होता है, इसलिए हम लाए है कड़क मसालेदार चाय की विधि, देखिए Masala Chai Recipe हिंदी में |
भारत में Chai लोगों के जीवन का अहम हिस्सा है | यहाँ सुबह की शुरुआत चाय की चुस्की के बगैर अधूरी रहती है | ना केवल भारत में बल्कि दुनिया में एक लोकप्रिय पेय है जिसे पीने से शरीर को स्फूर्ति और ऊर्जा मिलती है |
प्राचीन काल से ही Masala Chai का उपयोग एक ऊर्जा दायक और स्वास्थ्यवर्धक के तौर पर किया जा रहा है | इसे बनाने के लिए पानी में चाय की पत्तियां, चीनी, अदरक और दूध को साथ में उबाला जाता है |
हर व्यक्ति अपने स्वाद के मुताबिक अलग-अलग मसाले जैसे कि दालचीनी, लौंग, इलायची, काली मिर्च और सोंठ आदि का इस्तेमाल करता है |
जिसके सेवन से सर्दी, जुखाम और अन्य कई बीमारीयो का इलाज किया जाता है |
Table of Contents
मसाला चाय / Masala Chai Recipe

मसाला चाय की सामग्री / Masala Tea Ingredients :-
१. लोंग ( 3 टेबलस्पून )
२. इलाइची (१/४ कप )
३. काली मिर्च (१ १/२ कप )
४. दालचीनी ( २ टुकड़े )
५. सोठ ( १/४ कप )
६. जायफल ( १ टीस्पून )
मसाला चाय की विधि / Masala Chai Recipe In Hindi :-
- एक कढ़ाई को मध्यम आंच पर गर्म कर ले |
- कढ़ाई गर्म होने पर उसमें लौंग इलायची काली मिर्च और दालचीनी डालकर धीमी आंच पर 1 मिनट तक भून लें |
- आप चाहे तो इसमें 1/4 छोटी चम्मच सौंफ भी डाल सकते हैं |
- मसाला अच्छी तरह भून जाने के बाद उसमें से बहुत ही अच्छी खुशबू आने लगेगी |
- अब जल्द से जल्द इन मसालों को एक थाली में डालकर अच्छी तरह से फैला कर ठंडा होने के लिए छोड़ दें |
- मसालों को ज्यादा समय कढ़ाई में न रखें इससे मसाले जल सकते हैं |
- अब इन मसालों को मिक्सर में बारीक पीस लें |
- इसमें सोंठ और जायफल पाउडर डालकर पीसले |
- अब इस चाय मसाले को एक हवा बंद डिब्बे में भर ले | (आप इसका लगभग 4 महीने तक इस्तेमाल कर सकते हैं )
- एक कप चाय के लिए एक चौथाई छोटी चम्मच मसाले का इस्तेमाल करें |
- आवश्यकता नुसार इस मसाले का उपयोग चाय बनाने के लिए करें |
मसाला चाय पाउडर का सही इस्तमाल / Correct use of masala chai powder
- Masala chai बनाने के लिए सबसे पहले दो कप पानी को 2 मिनट के लिए अच्छी तरह से उबाल ले |
- पानी उबलने के बाद उसमें १/२ टीस्पून चाय मसाला डालकर 1 मिनट तक उबाल आने दें |
- मसाला उबलने के बाद उसमें चाय पत्ती डालकर कुछ समय तक उबाले जब तक कि पानी का रंग गहरा ना हो जाए |
- अब गैस बंद कर ले कुछ समय बाद इस में गर्म दूध डालें और स्वाद अनुसार चीनी डालकर इसे परोसे |
चाय में इस्तेमाल किए जाने वाले मसाले / Masala For Chai :-
1. लौंग / Clove :- Uses in Masala chai Recipe

भारत में कई वर्षों से लौंग / Clove का इस्तेमाल दस्त, हरदिया, अपच और रिंगवॉर्म के उपचार के लिए किया जाता है साथ ही साथ एथलीट्स फूट (Athletes foot) और अन्य फंगल इंफेक्शन (Fungal infections) के इलाज के लिए किया जाता है |
प्राचीन काल से भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सक लौंग का इस्तेमाल पाचन संबंधित रोगों के इलाज के लिए करते आ रहे हैं |
लौंग के फायदे / Benefits of coves
लौंग त्वचा से जुड़े कई रोग जैसे की फुंसी, छाले आदि को साफ करने में मदद करता है |
यदि आपके सिर में दर्द है तो 6 ग्राम लौंग पानी में पीसकर उसे सुखाकर उसका गाढ़ा लेप बनाएं और कान के आसपास लगा ले इसके इस्तेमाल से सिर दर्द कम होता है और आधा शीश की समस्या में लाभ मिलता है |
यदि आपको आंखों की समस्या है तो लौंग को तांबे के बर्तन में पीसकर उसमें शहद मिलाकर एक गाढ़ा लेप बनाएं और आंखों पर लगाएं |
इससे आपके आंखों से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती है और आंखों की रोशनी भी तेज होती है |
लौंग दातों के बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है |
यदि आपके दांतों में दर्द है तो लौंग के तेल में रुई भिगोकर उसे दातों के नीचे दबाए | इससे दांतों का दर्द खत्म हो जाता है और साथ ही साथ दातों में हुई सड़न भी खत्म हो जाती है |
बलगम / Cough की समस्या के लिए भी लौंग एक उत्तम उपाय है |
2 ग्राम कुटे हुए लौंग को 125 ग्राम पानी में उबालें | पानी एक चौथाई होने पर उसे छानकर धीरे-धीरे उसका सेवन करें | इससे बलगम की समस्या दूर होती है |
लौंग को आंकड़े के फूल और काले नमक बराबर मात्रा में लेकर इसे पीस लें और चने की आकार की गोलियां बना लें |
इन गोलियों का सेवन करने से दमा और श्वसनलिका से संबंधित रोग दूर होते हैं |
लौंग को मुंह में रखने से मुंह की और सांस की दुर्गंध खत्म हो जाती है |
2. इलायची / Cardamom :- Uses in Masala chai Recipe

हम सभी ने कभी ना कभी इलायची / Cardamom का सेवन जरूर किया है | इलायची ना केवल खाने के स्वाद और सुगंध में बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है |
इसमें कई ऐसी आवश्यक औषधि है जो गंभीर से गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए फायदेमंद मानी जाती है |
डायबिटीज में इलायची के फायदे / Benefits of cardamom in diabetes
Masala chai recipe वाली इलायची में एंटीऑक्सीडेंट (Anti oxidants) पाया जाता है जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है और इसके नियमित सेवन से टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है |
अपचन में इलायची के फायदे / Benefits of cardamom in indigestion
शोधकर्ताओं का मानना है कि इलायची में Anti-inflammatory गुण है जो पाचन से संबंधित विकारों को राहत पहुंचाने में मदद करते है |
इसमें स्टोमेकिक (Stomachic) गुण मौजूद है इसीलिए इसके नियमित सेवन करने से भूख बढ़ती है और पाचन में सुधार आता है |
ह्रदय स्वास्थ्य में इलायची लाभदायक / Cardamom is beneficial for heart health
बड़ी इलायची में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो ह्रदय के विकारों के लिए अत्यंत लाभदायक माने जाते हैं | इसके नियमित सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का स्तर कम होता है और ह्रदय स्वस्थ बना रहता है |
इलायची शरीर को डिटॉक्स करता है / Cardamom detoxes the body
इलायची के नियमित सेवन से शरीर में मौजूद विषैले और कारक पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं |
विशेषज्ञों का मानना है कि इलायची शरीर के पानी के जरिए शरीर की अशुद्धि को बाहर निकालने में मदद करता है |
त्वचा के लिए इलायची लाभदायक / Cardamom beneficial for the skin
एक लेख में बताया गया है कि इलायची स्टेफिलोकोक्कस ऑरियस बैक्टीरिया (Staphylococcus aureus bacteria) के कारण होने वाले त्वचा रोग से बचाव करती है |
एक शोध में यह जिक्र मिलता है कि आयुर्वेद में कुष्ठ रोग के इलाज के लिए भी इलायची का इस्तेमाल किया जाता था |
त्वचा संबंधित संक्रमण के बचाव के लिए इलायची का पाउडर लाभदाई माना जाता है |
इलायची याददाश्त बढ़ाने में फायदेमंद है / Cardamom beneficial in increasing memory
इस के अनुसार Masala chai recipe वाले इलायची के औषधीय गुण याददाश्त बढ़ाने और सीखने की क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है |
इसलिए चाय और अन्य खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल किया जाता है |
मौखिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद / Beneficial for oral health
Dental researchers का मानना है कि इलायची के बीज के तेल में एंटीसेप्टिक गुण (Antiseptic) पाया जाता है जो मुंह में दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर मुंह से संबंधित इन्फेक्शन को रोकने में मदद करता है |
3. काली मिर्च / Black pepper :- Uses in Masala chai Recipe

काली मिर्च (Black Pepper) का नाम दुनिया भर के लोकप्रिय मसालों में शामिल है |
खाने को तिखा बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसके नुकसान कम और फायदे ज्यादा है | काली मिर्च में मौजूद पेपराइन खाने को तीखा बनाता है |
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ना केवल पाचन क्षमता बढ़ाता है बल्कि शरीर के मेटाबॉलिज्म (Metabolism) द्वारा निर्मित हुए ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (Oxidative stress) को भी कम करने में मदद करता है |
स्वास्थ्यवर्धक और स्वाद बढ़ाने वाले गुणों के कारण ही काली मिर्च को ‘मसालों का राजा’ कहा जाता है |
दांत और मसूड़ों की समस्याओं के लिए फायदेमंद / Beneficial for teeth and gum problems
यदि आपके मसूड़ों में दर्द या सूजन है तो कुछ बूंद पानी में काली मिर्च का पाउडर और नमक बराबर मात्रा में मिलाकर मसूड़ों पर हल्के हाथों से मालिश करें |
इससे दर्द खत्म होगा और सूजन भी कम हो जाएगा |
दांत का दर्द कम करने के लिए लौंग के तेल में काली मिर्च का पाउडर मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है |
गैस की समस्या में लाभदाई / Beneficial for gas problems
यदि आपको हमेशा गैस की समस्या रहती है तो खाने में मिर्च पाउडर की जगह पर काली मिर्च पाउडर का इस्तेमाल करें इससे खाना लजीज बनता है |
यदि आपको अपच पर पेट में भारीपन की समस्या है तो 1/3 काली मिर्च और जीरा पाउडर एक गिलास छाछ में मिलाकर पीएं इससे बदहजमी दूर होती है |
वजन कम करने में लाभदाई / Beneficial in reducing weight
काली मिर्च ना केवल आपके भूख को बढ़ाने में मदद करती है बल्कि इसके सेवन से वजन भी कम किया जा सकता है |
काली मिर्च की बाहरी परत में फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phytonutrients) होते हैं जो चर्बी की कोशिकाओं को तोड़ने में मदद करते हैं |
जिससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी गल जाती है और वजन कम करने में मदद मिलती है |
पाचन शक्ति बढ़ाने में फायदेमंद / Beneficial in increasing digestive power
Masala chai recipe के काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेट में निर्माण हुए बैक्टीरिया को खत्म कर पाचन शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं |
यह टेस्टबर्ड्स को उत्तेजित कर हाइड्रोक्लोरिक एसिड (hydrochloric acid) का स्त्राव बढ़ाता है जिससे पाचन शक्ति बढ़ती है |
इसके के इस्तेमाल से पेट संबंधित समस्याएं जैसे कि पेट का सूजना ,कब्ज और अपच जैसी कई समस्याएं दूर हो जाती है |
काली मिर्च के पोषक तत्व / Pepper nutrients
इसमें में पेपरीन सहित विटामिन ए, विटामिन सी और beta-carotene जैसे अन्य पोषक तत्व है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक माना जाता है |
इसमें करक्योमिन (Curcumin) पाया जाता है ( जो हल्दी में भी पाया जाता है) यह कैंसर, संक्रमण और सूजन से बचाव में अत्यंत लाभदायक माना जाता है |
इसके अलावा पेपराइन आंतों में अमीनो एसिड बढ़ाने में मदद करता है |
सर्दी के लिए फायदेमंद / Beneficial for cold
काली मिर्च कफ को साफ करने में अत्यंत सहायक माना जाता है |
इसमें जीवाणु रोधक क्षमता भी होती है जिसके कारण सर्दी-जुखाम और खांसी के इलाज में इसका इस्तेमाल अधिक किया जाता है |
एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करने से श्वसन तंत्र साफ होता है |
काली मिर्च और नीलगिरी के तेल को गर्म पानी में मिलाकर भाप लेने से सर्दी और जुखाम में राहत मिलती है |
Masala chai Recipe वाला काली मिर्च पाउडर और कुछ बूंद तिल का तेल मिलाकर सूंघने से साइनस साफ हो जाता है |
4. दालचीनी / Cinnamon :- Uses in Masala chai Recipe

लगभग हर रसोई में दालचीनी (Cinnamon) का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है |
इस मसाले की खास बात यह है कि यह न केवल रसोई में बल्कि कई रोगों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है |
आयुर्वैदिक, एलोपैथिक और पारंपरिक चीनी औषधियों में भी दालचीनी को बहुत महत्व दिया जाता है |
वैज्ञानिकों का मानना है कि लौंग के बाद दालचीनी में सबसे बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है |
इतिहास की माने तो रोम देश में मृत देह से आने वाली गंध को दूर करने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता था |
दालचीनी रोम के सबसे महंगे मसालों में से एक है |
मधुमेह को नियंत्रित करता है / Controls diabetes
दालचीनी मधुमेह रोग के लिए अत्यंत लाभदायक आ जाता है यहां तक की टाइप 2 के मधुमेह रोगियों के लिए यह वरदान से कम नहीं |
क्योंकि टाइप 2 के मधुमेह रोगी के स्वास्थ्य पर यह एक सकारात्मक प्रभाव डालता है जिससे वे एक स्वास्थ्य और सुरक्षित जीवन जीते हैं |
शरीर की इंसुलेशन प्रतिक्रिया बढ़ाकर शरीर में शुगर लेवल संतुलित बनाए रखने में मदद करता है |
दालचीनी से मधुमेह में लाभ उठाने के लिए इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करना अत्यंत आवश्यक है | मधुमेह रोगी दूध में दालचीनी पाउडर मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते है |
ह्रदय की रक्षा में फायदेमंद / Beneficial in protecting the heart
दालचीनी में पाए जाने वाले विभिन्न इनफ्लामेंट्री गुणों के कारण यह दिल और उसके आसपास की धमनियों को नुकसान हो संक्रमण से बचाने के लिए अत्यंत लाभदायक बना जाता है |
आजकल लोग बहुत ही तैलीय पदार्थों का सेवन करते हैं जिससे उनके शरीर में फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है,
इसके कारण शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण होता है जो की ह्रदय रोग को बढ़ावा देता है |
इसलिए दालचीनी पाउडर में शहद मिलाकर इसका इस्तेमाल जैम की तरह करें, इसके नियमित इस्तेमाल से दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है |
कैंसर से बचाव के लिए लाभदाई / Beneficial to prevent cancer
एक शोध से पता चला है कि दालचीनी के नियमित सेवन कर के हम कैंसर से बच सकते हैं |
दालचीनी ल्यूकामियां (Leukemia)और लिंफोमा (lymphoma) नामक कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि दर को कम करने में मददगार साबित हुआ है |
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट डीएनए को क्षति , सेल उत्परिवर्तन और कैंसर ट्यूमर के बढ़ने जैसी समस्याओं को कम करने में बहुत ही फायदेमंद माना जाता है |
ब्लड सरकुलेशन में प्रभावी / Effective for blood circulation
दालचीनी में कॉमेरिन नामक एक योगिक (compound ) होता है जो रक्त को पतला करने में मदद करता है ,जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार अच्छे से होता है |
कॉमेरिन का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से यह लीवर पर प्रभाव कर सकता है और उससे क्षति पहुंचा सकता है |
इसलिए दालचीनी का कम इस्तेमाल करना फायदेमंद माना जाता है |
क्योंकि यह एक प्राकृतिक ब्लड थिनर है इसलिए ब्लड सरकुलेशन बढ़ाने में यह अत्यंत लाभकारी माना जाता है |
मानसिक रोगों को दूर करने में फायदेमंद / Beneficial in curing mental diseases
Masala chai recipe वाली दालचीनी एक शक्तिशाली Anti-inflammatory गुणों से भरपुर है इसलिए यह मस्तिष्क की आंतरिक निरंतर सूजन को कम करने में मदद करता है |
इसके प्रभाव के कारण कई न्यूरोलॉजिक समस्याओं से मस्तिष्क को सुरक्षा मिलती है |
दालचीनी के प्राकृतिक और शक्तिशाली घटकों में अल्जाइमर पार्किंसंस मल्टीपल स्क्लेरोसिस ब्रेन ट्यूमर और मेनिनजाइटिस जैसे विभिन्न प्रकार के रोगों की शुरुआत होने से पहले या उन्हें हमेशा के लिए खत्म करने के लिए अत्यंत लाभदाई माना जाता है |
श्वसन संक्रमण को दूर करने में फायदेमंद / Beneficial in relieving respiratory infections
दालचीनी सर्दी-जुखाम और फ्लू ठीक करने या राहत दिलाने में अत्यंत फायदेमंद माना जाता है |
पिसे हुए दालचीनी एक दो चम्मच लेकर उसका सेवन ग्रीन टी या सेब के सिरके के साथ करने से गलशोथ से छुटकारा पाने में मदद मिलती है |
दालचीनी पाउडर में नींबू का रस मिलाकर उसका सेवन करने से श्वसन संक्रमण की समस्या को दूर रखा जा सकता है |
गुनगुने शहद में दालचीनी पाउडर मिलाकर नाश्ते के बाद और सोने से पहले इसका सेवन करने से खांसी सर्दी और जुखाम से राहत मिलती है |
चेहरे के लिए फायदेमंद / Beneficial for the face
यदि आप के चेहरे या शरीर पर मुंहासे है तो दालचीनी का इस्तेमाल करने से यह समस्या दूर हो जाती है |
इसके लिए तीन चम्मच शहद ले उसमें एक चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाकर एक पेस्ट बना लें |
अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर या पूरे चेहरे पर अच्छी तरह से लगा ले और इससे पूरी रात के लिए या सिर्फ 20 मिनट के लिए पेस्ट सूखने तक छोड़ दें |
पेस्ट सूखने के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें |
इसे हफ्ते में एक बार इस्तेमाल करने से चेहरे पर मुंहासों की समस्या दूर हो जाएगी और साथ ही साथ चेहरे पर की डेड स्किन सेल्स भी हट जाएंगी |
5. सोंठ / Dry ginger :-

Masala chai recipe में इस्तमाल किए जाने वाले ताजा अदरक को सुखाकर उसे बारीक पीसकर पाउडर बना लिया जाता है उस पाउडर को सोंठ (Dry Ginger) कहते हैं |
यह एक सफेद रंग का पाउडर होता है जो अत्यंत सुगंधित और स्वाद में तीखा होता है |
अदरक का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, Anti-inflammatory यौगिक कंपाउंड जैसे कि beta-carotene कैप्सेैसीन और करक्यूमिन आदि पाए जाते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक माने जाते हैं |
इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए फायदेमंद / Beneficial to strengthen immunity
अदरक पाउडर में करक्युमीन और कैपसाइसिन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कि मुक्त कणों को कम करने में मदद करते हैं |
यह इम्यून सिस्टम (Immune System) पर पड़ने वाले तनाव को कम करने में मदद करता है और इम्युनिटी बढ़ाता है इसीलिए यदि इम्यूनिटी बढ़ाना है तो इसका नियमित सेवन करना अत्यंत लाभदायक हो जाता है |
सिर दर्द के उपचार में लाभदायक / Beneficial in treating headaches
अदरक पाउडर में पाए जाने वाले योगिक (Compound) सिर दर्द और माइग्रेन को दूर करने में अत्यंत फायदेमंद माने जाते हैं |
अक्सर सिर के छोटी कोशिकाओं में सूजन आने के कारण हमें सिर दर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है |
इसके कारण ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा होता है, अदरक के पाउडर का सेवन करने से ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है और सर दर्द और माइग्रेन की समस्या से राहत मिलती है |
सूजन के इलाज में फायदेमंद / Beneficial in treating inflammation
यदि आपको सूजन की समस्या है तो दो-तीन चम्मच सोंठ पाउडर लेकर उसे पानी में मिलाकर उबाल लें अब इस पानी को छानकर इसका सेवन करें के नियमित सेवन करने से सूजन नहीं होगा |
यदि आपके जोड़ों में सूजन (Joint Pain) है तो इस पानी का नियमित सेवन करें |
घुटनों में दर्द है तो दो-तीन चम्मच सोंठ पाउडर ले और उसमें एक चम्मच पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना ले और घुटनों पर लगा ले इससे घुटनों के दर्द में राहत मिलती है |
जुखाम में राहत दिलाए / Relieves cold
ठंड में अक्सर हमें सर्दी जुखाम हो जाती है इससे बचने के लिए कच्चे अदरक को कूटकर बनी हुई चाय का सेवन करें या मसाला चाय का सेवन करें इससे जुखाम और सर्दी ठीक होने में मदद मिलती है और शरीर अंदर से गर्म रहता है |
ठंड के लक्षणों से बचने के लिए सूखे अदरक का पाउडर लौंग का पाउडर और नमक मिलाकर एक पेस्ट बना लीजिए और इस पेस्ट का दिन में 2 बार सेवन करे |
मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाएं / Improves metabolism
सूखे अदरक के पाउडर में थर्मोजेनिक एजेंट होता है जो चर्बी को जलाने में और मोटापा कम करने में अत्यंत उपयोगी साबित हुआ है |
पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए भी सोंठ का सेवन करना अत्यंत लाभदायक माना जाता है |
इसके नियमित इस्तेमाल से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (Cholesterol and triglycerides) की मात्रा कम होती है साथ ही साथ यह चर्बी घटाने में भी मदद करता है |
मुहांसों के इलाज के लिए फायदेमंद / Beneficial for the treatment of acne
सूखे अदरक के पाउडर में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जिससे मुहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलती है |
यदि आपको मुहांसों की समस्या है तो सूखे अदरक का पाउडर दूध पाउडर और उसमें थोड़ा सा कच्चा दूध मिलाकर एक पेस्ट बना लें |
इसे चेहरे पर अच्छी तरह से लगाकर 15 से 20 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दें सूखने के बाद इसे गुनगुने पानी से धो ले हफ्ते में एक बार इसे इस्तेमाल करने से मुहांसों की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है |
6. जायफल / Nutmeg :-

जायफल (Nutmeg) एक ऐसा मसाला है जो हर रसोई में इस्तेमाल किया जाता है |
जायफल का वैज्ञानिक नाम मिरिस्टिका फ्रेगरेंस है |
यह एक खुशबूदार मसाला है जो स्वाद में मीठा होता है |
जायफल का इस्तेमाल व्यंजनों में कम से कम किया जाता है क्योंकि इसमें विटामिन मिनरल्स और कार्बनिक कंपाउंड पाए जाते हैं जो कि विभिन्न तरीकों से आपको प्रभावित कर सकता है |
इसमें में फाइबर , मैग्नीस , थायमीन , विटामिन बी 6 , फॉलेट , मैग्निशियम , तांबा और मैक्लिग्निन पाया जाता है |इसके तेल का इस्तेमाल कॉस्मेटिक और कई दवाइयों में किया जाता है |
अनिद्रा में फायदेमंद / Masala tea Beneficial in insomnia
पोषण विशेषज्ञों (Nutritionist) का मानना है कि जायफल आपके शरीर मैं मेंथॉल की तरह काम करता है जो कि तनाव दूर कर दिमाग शांत करता है और नींद लाने में मदद करता है |
इसमें अधिक मात्रा में मैग्नीशियम मौजूद है जो शरीर में तनाव कम करता है और सेरोटोनिन को उत्तेजित करता है जिससे शरीर को आराम मिलता है |
यदि आप रोज दूध में जायफल पाउडर मिलाकर पीते हैं तो आपका तनाव कम होता है और अच्छी नींद आती है |
यह कामुकता नींद और मन शांत करने के लिए उपयोगी माना जाता है |
दांत दर्द में लाभदाई / Beneficial in toothache
दातों के अंदर मौजूद बैक्टीरिया दांतों के दर्द का कारण बनते हैं |
Masala chai recipe के जायफल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं इसके पाउडर या तेल को दातों पर लगा कर पानी से कुल्ला करने दातों का दर्द कम होता है और मुंह में मौजूद बैक्टीरिया भी मर जाते हैं |
आंखों के लिए उत्तम / Masala for tea recipe Beneficial for the eyes
यदि आपको आंखों की समस्या है तो उसके लिए भी जायफल अत्यंत लाभदायक माना जाता है |
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जायफल को घिस कर उसका पेस्ट बना लें फिर उसे पलकों पर लगाकर कुछ समय के लिए सूखने दें और फिर ठंडे पानी से आंखें धोने इसके इस्तेमाल से आंखों की रोशनी बढ़ने में मदद मिलती है |
गले के लिए उत्तम / Masala Chai Beneficial for the throat
यदि आप गले के विकारों से ग्रस्त हैं तो जायफल आपके लिए अति उत्तम है |
जायफल के इस्तेमाल से आपकी आवाज की गुणवत्ता सुधर जाती है और साथ ही साथ यह आपका गला साफ करने में भी मदद करता है |
एक चम्मच जायफल पाउडर को गर्म पानी में मिला है और इससे गरारे करें इससे आपके गले को आराम मिलता है |
चेहरे के लिए उत्तम / Beneficial for face
आपको चेहरे पर कोई भी समस्या है तो जायफल का लेप आपके लिए अत्यंत लाभदायक है |
यदि आपको ब्लैकहेड्स की समस्या है तो जायफल पाउडर और दालचीनी पाउडर को समान मात्रा में मिलाकर एक स्क्रब बनाएं और उसे चेहरे पर स्क्रब करें इससे ब्लैकहेड्स की समस्या दूर हो जाती है |
यदि आपको मुंहासों की समस्या है तो जायफल पाउडर में थोड़ा सा शहद मिलाकर इस पेस्ट को मुहांसों पर या पूरे चेहरे पर लगाएं इसके इस्तेमाल से मुंहासे और मुहांसों के दाग भी मिट जाते हैं |
आप चाहे तो चंदन ,कुंकुमादि तेल, जैतून का तेल और जायफल पाउडर को मिलाकर उसका पेस्ट भी चेहरे पर लगा सकते हैं |
इसके इस्तेमाल से चेहरा स्वस्थ और कोमल बनता है |
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